رسول اکرم (ص)
مَن بَنى عَلى ظَهرِ الطَّريقِ ما يَأوي عابِرَ سَبيلٍ بَعَثَهُ اللّهُ يَومَ القِيامَةِ عَلى نَجيبٍ مِن دُرٍّ، و وَجهُه يُضيءُ لأِهلِ الجَنَّةِ نورا
ثواب الأعمال : ج ١ ص ٣٤٣
रसूले अकरम स.अ.
जो कोई रास्ते के किनारे राहगीरों के लिए कोई ठिकाना बनाए, अल्लाह उसे कयामत के दिन ऐसे ऊँट पर बैठा कर महशूर करेगा जिसकी महार ज़मुर्रूद से बनी होगी और उसका चेहरा जन्नती लोगों के लिए रोशनी फैला रहा होगा।
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